वृत्त संकलन बालू वंजारी
महाराष्ट्र की राजनीति में पहली बार बड़ा राजनीतिक भूकंप दिखाई दे रहा है। राज्य में एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस गठबंधन की महाविकास आघाडी सरकार बनने के बाद एक साल पूर्व टूटकर बनीं एकनाथ शिंदे शिवसेना व बीजेपी की सरकार के बाद आज फिर नया मोड़ आया है। बीजेपी-शिवसेना की डबल इंजिन सरकार में तीसरा इंजिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजीत पवार व 30 विधायकों का जुड़ गया है।महाराष्ट्र की भाजपा-शिवसेना सरकार में तीसरे अजित पवार के साथ आने पर राज्य में राजनीतिक भूकंप आया गया है। इसे एनसीपी के शरद पवार को बड़ा झटका माना जा रहा है, परंतु इस अजित पवार सहित 9 मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में शरद पवार के ख़ासमखास एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष सांसद प्रफुल पटेल के शामिल होने पर इसे बड़ा घटनाक्रम माना जा रहा है।राजभवन में शपथ ग्रहण के दौरान अजित पवार ने 30 विधायको के साथ आकर अपने 9 मंत्रियों के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इनमें शरद पवार के खास माने जाने वाले छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटिल, जयंत पाटील के भाई अनिल पाटील, हसन मुशरिफ, धनंजय मुंडे, भगवंत राव, अदिति तटकरे, संजय बनसोडे ने मंत्रिपद की शपथ ली।
एनसीपी मुखिया शरद पवार, उनकी बेटी व पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सांसद सुप्रिया सुले सहित एनसीपी के 54 में से 10 विधायक शपथ ग्रहण से दूर रहे। लेकिन अन्य नेताओं, विधायको के साथ कार्यकारी अध्यक्ष प्रफ़ुल्ल पटेल की मौजूदगी इसे सरकार में शामिल होने की सहमति दर्शा रही है। जिन नेताओ ने मंत्रिपद की शपथ ली वे सभी शरद पवार के खासमखास है। ऐसे में इसे बगावत नही, सहमति के रूप में देखा जा रहा है।