मानव धर्म के प्रणेता सदगुरुदेव श्री सतपाल जी महाराज

 बात्मी संकलन - रामदास शेंडे




चंद्रपुर :- मानव धर्म के प्रणेता सदगुरुदेव श्री सतपाल जी महाराज की असीम अनुकंपा से हंस भक्ति आश्रम चंद्रपुर महाराष्ट्र में 03.07.2023 को सुबह से ही पूज्य सद्गगुरुदेव के प्रेमी भक्तगण सात्विक वेशभूषा में उपस्थित होकर भजन कीर्तन करते हुए गुरु पूजन की तैयारी में जुट गये थे।पूज्य महाराज श्री के तश्वीर को व्यास गद्दी पर विराजमान कर सभी प्रेमी भक्तों ने गुरु आसन के सम्मुख विराजमान होकर भजन कीर्तन करते हुए हुये विधि विधान से गुरु पूजन का श्री गणेश किया। सभी शिष्यों ने अपने सद्गुरुदेव के प्रति आस्था व विश्वास रखते हुए भाव विभोर होकर गुरु महिमा का बखान किया। गुरु पूजन महोत्सव के गौरव आत्म अनुभवी संत महात्मा सोमाक्षी बाई जी ने प्रेमी भक्तों के सम्मुख गुरु महिमा का बखान करते हुये कहा कि सब धरती कागज करूं , लेखनी सब बन राय। सात समुद्र मसी करूं, गुरु गुण लिखा न जाये। पूरे धरती को कागज बना दिया जाये और इस धरती में उगे पेड़ों को कलम बना दिया जाये तथा अथाह समुद्र की जल को स्याही बना दिया जाये पर भी गुरु की महिमा को लिख पाना सम्भव नहीं है। इसीलिए सच्चे सद्गुरु की शरण में जाकर आत्म ज्ञान को प्राप्त कर लेना चाहिए। संत महात्मा सोमाक्षी बाई जी ने जब गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो: महेश्वरा: गुरुर साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः की महामंत्र का उच्चारण किया तो सभी ने एक साथ मिलकर गुरु मंत्र का जाप करने लगे तो गुरु पूर्णिमा महोत्सव परिसर गुरु भक्ति में डूब गया। महात्मा बाई जी ने गुरु से अवगत कराते हुये कहा कि परमात्मा को पाने के लिए गुरु के सानिध्य में रहकर ज्ञानार्जन करना होगा तभी मनुष्य को भगत भक्ति प्राप्त हो सकती है। बिना गुरु के ज्ञान सम्भव नहीं है। गुरु पूर्णिमा के दिन ही सभी शिष्यों को एक स्थान में एकत्रित होकर गुर पूजन करने का अवसर मिलता है इस अवसर को सभी शिष्यों को प्राप्त करना चाहिए। गुरु के सानिध्य में रहकर जीवन यापन करने वाले व्यक्ति सद्गति को प्राप्त करता है। इस अवसर पर सभी प्रेमी भक्तों ने सामुहिक भोजन महाप्रसादी ग्रहण कर गुरु के बताये मार्ग का अनुसरण करने संकल्प लिया। मानव उत्थान सेवा समिति हंस भक्ति आश्रम को सारा रोड चंद्रपुर महाराष्ट्र

Post a Comment

Previous Post Next Post