उभरते सितारे में 'करियर दर्शिका'



 उभरते सितारे में 'करियर दर्शिका

आपका भूतकाल यह कदापि निश्चित नहीं करेगा कि, आपका भविष्य क्या होगा। आपका भविष्य आप स्वयं निर्धारित करेंगे। आप जो भी लक्ष्य अपने लिए निर्धारित करेंगे, नया चैलेंज स्वीकार करेंगे। जो भी प्रोफेशन आप लेना चाहेंगे। तब, आपके हौसले, आपकी हिम्मत को लेकर कई डरावने और नकारात्मक सवाल आपके दोस्त, आपके करीबी रिश्तेदार लेकर आएंगे। लेकिन, आपको उनकी बातों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देना है, उन्हें कोई जवाब नहीं देना है। जब आपके नाम के आगे सीए, डॉक्टर, इंजीनियर आदि जो भी आप चाहते हैं, वह लग जाएगा। तब उन सवालों के जवाब उन्हें अपने आप मिल जाएंगे। और विश्वास रखिएगा कि यह जवाब आप अपने मेहनत से, लगन से, अपने काम से देंगे उनके सवालों को। अपने स्वयं का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि, मैं एक एवरेज स्टूडेंट था। मैंने 12वीं कक्षा में अपने आप को चैलेंज देना स्वीकार किया और सोचा कि मैं सीए बनूंगा। आपके अगले 6-7 साल आपके करियर के लिए बहुत जरूरी है कि,आपको क्या बनना है। जिसके लिए आपको थोड़ा सा सोशल नेटवर्किंग, व्हाट्सएप, फेसबुक वगैरह को अवॉइड करना है। और थोड़ा फैमिली को, दोस्तों को कंप्रोमाइज करना है। जिससे आपके उज्जवल भविष्य का निर्माण हो सके। यह विचार चार्टर्ड अकाउंटेंट संदीप जोतवानी जी ने बच्चों के बीच रखकर उनका मार्गदर्शन किया।विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को समर्पित लोकप्रिय उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत 'करियर दर्शिका' थीम पर रोचक, ज्ञानवर्धक, संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में स्पैन कंपनी के फाउंडर एवं युवा सुपरिचित चार्टर्ड अकाउंटेंट संदीप जोतवानी जी उपस्थित थे । इनका सम्मान, संयोजक युवराज चौधरी ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया। इस अवसर पर सुपरिचित गायक कलाकार असीमा बोस जी प्रमुखता से उपस्थित थीं। सर्वप्रथम कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए संयोजक युवराज चौधरी ने 'करियर दर्शिका' विषय पर बच्चों और उनके अभिभावकों को महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि 10वीं और 12वीं के बाद किस-किस क्षेत्र में आगे बढ़ाने के, उन्नति के अवसर मिल सकते हैं।तत्पश्चात, बच्चों ने भी इस थीम पर अपने विचार रखते हुए अपनी सुंदर कला का प्रदर्शन कर सबको मंत्रमुग्ध किया। जिसमें, जेके डांस अकैडमी से अधीरा वनवे, शनाया शेंडे, स्नेहा जोशी, श्रुतिका वनवे, स्वाति ठाकरे, प्रिया खुलगे, नेहा अमोल शिरभाते, कोकिला शेंडे, निशिगंधा बाडेवाले, रश्मि आगलावे, हिरण्या योगेश चरडे, भव्या अरोरा और पूर्वी वैद्य के मनमोहक नृत्य ने सब का दिल जीत लिया। अपने सुमधुर गीतों की श्रृंखला में अनन्या सोनी, मृणाल तेलरांधे, भव्या अरोरा, अर्चिता लखोटे, राम बागल, पुष्पा परतेकी और पुलस्त्य तरारे ने सुंदर गीत की प्रस्तुति दी। कुबेर जांगिड़ और भवजोत सिंह सप्रा ने ढोलक तथा, सार्थक लाल ने तबला वादन किया। 

प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को कृष्णा कपूर, प्रीति अभिजीत बागल, मीनाक्षी केसरवानी, दीपक भावे, सुहास तिरपुडे, अश्विनी अजय लखोटे, आशा वेदप्रकाश अरोरा, योगिता तरारे, मोनिका रेमंडल, गुरप्रीत कौर सप्रा, महेंद्र पांडे, डॉ शालिनी तेलरांधे, मंगेश वैद्य, अशोक माटे, राहुल मडावी, वैशाली मदारे, बाबा खान आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन, संयोजक युवराज चौधरी ने किया। तथा, उपस्थित सभी दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार प्रशांत शंभरकर ने व्यक्त किया।

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